उपराष्ट्रपति चुनाव में NDA के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन की जीत हुई है. उन्होंने INDIA के प्रत्याशी सुदर्शन रेड्डी को 152 वोटों से हराया. राधाकृष्णन के पक्ष में 452 वोट पड़े तो सुदर्शन रेड्डी के पक्ष में 300 वोट डाले गए. रेड्डी को दावे से कम वोट मिले. इंडिया गठबंधन जितने वोटों की उम्मीद कर रहा था उतने उनके खाते में नहीं आए. संसद में उसके पास 315 सांसद हैं. ऐसे में उसे 15 वोट कम पड़े.
शाम 5.14 बजे कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक्स पर पोस्ट किया, विपक्ष एकजुट है. उसके सभी 315 सांसद मतदान के लिए उपस्थित हुए. यह अभूतपूर्व 100% मतदान है. इस दावे के अनुसार, विपक्ष को 15 वोट कम मिले. हर पार्टी अब यह दावा करने में व्यस्त है कि उनके खेमे में कोई क्रॉस-वोटर नहीं था.
वहीं, एनडीए के पास 427 सांसद हैं और उसे 25 वोट अतिरिक्त पड़े. लोकसभा और राज्यसभा को मिलाकर कुल 788 सांसद हैं. इसमें से कुल 781 सांसदों को वोट करना था. 7 सीटें रिक्त हैं. 781 में से 427 सांसद NDA के हैं तो 354 सांसद विपक्ष के. इसमें से 315 सांसद इंडिया गठबंधन के हैं. 39 सांसद ऐसे हैं जो ना तो एनडीए के साथ हैं और ना ही इंडिया गठबंधन के साथ. ऐसे में इन 39 सांसदों का क्या रुख रहा, ये जानना जरूरी हो जाता है.
उपराष्ट्रपति चुनाव में कोई व्हिप न होने के बावजूद विपक्ष अपने सभी सदस्यों को मतदान के लिए राज़ी करने में कामयाब रहा. चुनावों के महत्व को दर्शाते हुए तृणमूल कांग्रेस के दो लोकसभा सदस्य सुदीप बंदोपाध्याय और सौगत रॉय बीमार होने के बावजूद मतदान करने पहुंचे.
किसके साथ रहे 39 सांसद?
विपक्ष के जो 39 सांसद हैं उनमें में से YSRCP के 11 सांसदों ने NDA के पक्ष में वोट किया. इसके बाद आंकड़ा होता है 28. इसमें से बीजू जनता दल के 7, बीआरएस के 4, अकाली दल का 1, 1 निर्दलीय और अमृतपाल है. इन सांसदों ने किसो को भी वोट नहीं दिया. अमृतपाल जेल में बंद हैं और उन्होंने पोस्टल बैलेट के जरिए बताया कि वो किसी को वोट नही करेंगे.
28 सांसदों में से इन 14 निकालने के बाद आंकड़ा 14 का बचता है. अब इन 14 में से कुछ इनवैलिड होंगे या NDA को वोट किए होंगे. वैसे तो कुल 15 वोट इनवैलिड हुए हैं. ये वोटो दोनों ही साइड से हुए हैं. ऐसे में ये कंफर्म माना जा रहा है कि क्रॉसवोटिंग तो हुई है. ये आंकड़ा करीब 10 के आसपास हो सकता है. सूत्रों के मुताबिक, जो 15 वोट इनवैलिड हुए हैं उसमें NDA के 10 हैं और विपक्ष के 5.
जीत के बाद क्या बोले राधाकृष्णन?
सीपी राधाकृष्णन ने अपनी जीत को राष्ट्रवादी विचारधारा की जीत बताया और 2047 तक भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने की दिशा में काम करने का संकल्प जताया. राधाकृष्णन ने जीत के बाद अपनी पहली टिप्पणी में कहा, दूसरे पक्ष (विपक्षी गठबंधन) ने कहा कि यह (चुनाव) एक वैचारिक लड़ाई है, लेकिन मतदान के पैटर्न से हमें लगता है कि राष्ट्रवादी विचारधारा विजयी हुई है.
उन्होंने कहा, यह हर भारतीय की जीत है, हम सभी को मिलकर काम करना होगा अगर हमें 2047 तक विकसित भारत बनाना है तो विकास पर ध्यान केंद्रित करना होगा. राधाकृष्णन ने कहा कि अपनी नई भूमिका में वह राष्ट्र के विकास के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देंगे. उन्होंने कहा, लोकतंत्र में सत्ता पक्ष और विपक्ष, दोनों ही महत्वपूर्ण होते हैं. ये एक ही सिक्के के दो पहलू हैं. लोकतंत्र के हित को ध्यान में रखा जाएगा.
11 साल में सबसे कम वोटों से हार
2025 के उपराष्ट्रपति चुनावों में 152 वोटों से मिली हार 2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के सत्ता में आने के बाद से विपक्ष की इन चुनावों में सबसे कम अंतर से हार है. 2022 के चुनावों में एनडीए उम्मीदवार जगदीप धनखड़ 346 वोटों के अंतर से जीते थे और 2017 में वेंकैया नायडू 272 वोटों से जीते थे.